विकास दुबे कैसे बना क्रिमिनल ? कैसे हुआ इनकाउंटर ?
विकास का पहला जुर्म
रिचा निगम से शादी
साल १९९६ - ९७ में विकास पढाई के लिए कानपूर के शास्त्री नगर स्थित अपनी बुआ के रह रहा था। शास्त्री नगर में उसकी मुलाकात उसके पडोसी एयर फाॅर्स कर्मी एच् पि निगम के पुत्र राजू से हुई। राजू से विकास की बहोत दोस्ती हो गयी थी। कोई भी काम हो दोनों साथ मिल कर करते थे। इसी कारन विकास का राजू की घर पर आना जाना था। राजू की एक बहन थी। जिसका नाम रिचा था , लेकिन घरवाले प्यार से उसे सोनू बुलाते थे। विकास का राजू के घर आना जाना था इसी बीच विकास की रिचा से भी दोस्ती हो गयी थी। धीरे धीरे रिचा और विकास की दोस्ती प्यार मे बदल गयी। साल १९९७ में रिचा और विकस ने भाग के शादी। पहले तो घर वालो को इन दोनों की शादी को विरोध था , लेकिन बाद में निगम परिवार ने भी उनको अपना लिया।रिचा और विकास को दो बच्चे हुवे। आकाश और शानू। रिचा ने विकास से सिर्फ प्यार ही नहीं किया बल्कि उसके सारे गुनाहो में साथ भी दिया।
गुनाहो की लिस्ट
साल २००० में विकास ने एंटर कॉलेज सहायक प्रबंधक सिद्धेश्वर पांडे को गोली मारकर पहला मर्डर किया। साल २००१ में विकास ने राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त विधायक संतोष शुक्ला का शिवली ठाणे के भीतर गोली मारके मौत की घाट उतारकर विकास ने क्षेत्र में अपनी दहशद बनायीं। बिकरू उसके नजदीकी गांव पुरे शिवली क्षेत्र में विकास की दहशद फ़ैलने लगी । इतनी दहशद फैली की चुनाव में वोट भी उसके इशारे पर गिराने लगा। चुनावी रंजिश में ही विकास की दुश्मनी लल्लन वाजपेयी से हो गयी।२००४ में केबल व्यवसायी दिनेश दुबे की हत्या में भी मुख्या आरोपी विकास ही था। विकास के खिलाफ चौबेपुर ठाणे में हत्या ,हत्या का प्रयास , फिरौती ,लूट , रंगदारी वसूलना , ऐसे ६२ से ज्यादा मुकदमे दर्ज है।
कानपूर पुलिस हत्याकाण्ड
१ जुलाई २०२० में राहुल तिवारी जो विकास का बहनोई था। जिसने विकास पे किडन्यापिंग मारपीट हत्त्या का प्रयास का केस दर्ज किया था। इस मामले में तीन थानों की पोलिस विकास के बिकरू गांव के घर पे रेड करने पहुंची थी। पुलिस आने की खबर पहले से ही विकास को लगी थी। विकास और उसके हत्यारबन्द गुरके पहले से ही घर के छत पे पुलिस का इंतजार कर रहे थे। जैसे ही पुलिस विकास के घर के पास पहुंचे विकास के गुरखोने पुलिस पे अंधाधुन्द फायरिंग शुरू कर दी। इस में सीओ बिल्हौर ,तीन सब इंस्पेक्टर समेत ८ पुलिस कर्मी मारे गए। उसके बाद विकास और विकास का गैंग बिकरू गांव से भाग गए।
विकास दुबे इनकाउंटर
बिकरू से भागने के बाद विकास दुबे कई जगहों पे उसकी लोकेशन दिखाई दि। लेकिन ९ जुलाई गुरुवार को अचानक एम.पी. के उज्जैन शहर मे महांकाल मंदिर में विकास दुबे पकड़ा जानेकी खबर आयी। गुरुवार रात मध्य प्रदेश पुलिस ने विकास दुबे को यु पी पुलिस को सोप दिया। पुलिस ने जो जानकारी दी है इसा में उन्होंने कहा की विकास दुबे को गुरुवार रात एम. पी. पुलिस ने यु.पी. एसटीफ को सोप दिया। उज्जैन से यु.पी. एसटीफ का काफिला कानपूर के पास पहुंचा तभी काफिले में की एक कार महिंद्रा TUV ३००.पलट गयी। जिसमे विकास दुबे को बिटाया था। एक्सीडेंट का फायदा लेकर एक पोलिस अफसर की गन चुराके विकास दुबे भागने लगा। तभी पोलिस ने जबाबी फायरिंग में विकास दुबे को मार दिया। उसका इनकाउंटर किया।
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